हे मेरे प्रभु!
मेरे हृदय में विराजमान हो. दुनिया में कहीं जाऊं, जिधर भी चलूं, जो भी कर्म करूं
हर समय में आपको याद रखूं. हे गोविन्द ! मैंने श्रद्धा का आसन बिछाया है, इस पर आप
विराजमान हो. आपने जो अनंत कृपाएं की है, उन सबके प्रति मैं आपका आभारी हूँ. मेरे
मालिक, कभी मुझे आप भूले नहीं. मेरा मन थके नहीं.मेरी वाणी में आपका नाम बस जाए. कानों
में आपकी महिमा सुनने के लिए उत्सुक्त हो. ये आँखे आपकी महिमा देखने के लिए सदैव
लालायित हों. हृदये में प्रेम, माथे पर शीतलता, चेहरे पर प्रसन्नता, घर में
खुशहाली दीजिये. हे प्रभ! हम याचना करते है, वंदना है, हमारी प्रार्थना है की आप हमारी,
अभ्यर्थना स्वीकार करे. ॐ शांति शांति शांति.!!!
हे मेरे प्रभु! मेरे हृदय में विराजमान हो. दुनिया में कहीं जाऊं, जिधर भी चलूं, जो भी कर्म करूं हर समय में आपको याद रखूं. हे गोविन्द ! मैंने श्रद्धा का आसन बिछाया है, इस पर आप विराजमान हो. आपने जो अनंत कृपाएं की है, उन सबके प्रति मैं आपका आभारी हूँ. मेरे मालिक, कभी मुझे आप भूले नहीं. मेरा मन थके नहीं.मेरी वाणी में आपका नाम बस जाए. कानों में आपकी महिमा सुनने के लिए उत्सुक्त हो. ये आँखे आपकी महिमा देखने के लिए सदैव लालायित हों. हृदये में प्रेम, माथे पर शीतलता, चेहरे पर प्रसन्नता, घर में खुशहाली दीजिये. हे प्रभ! हम याचना करते है, वंदना है, हमारी प्रार्थना है की आप हमारी, अभ्यर्थना स्वीकार करे. ॐ शांति शांति शांति.!!!
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