दुनिया में व्यक्ति जब किसी के बारे में बुरी खबर सुनता है तो एकदम
सिहर उठता है. हर आदमी जानता है की मरण का समाचार तो आना ही है क्यूंकि सबको कभी न
कभी मरना ही है. फिर भी जब किसी के मरने की खबर सुनता है तो आश्चर्य में पढ़ जाता
है. मौत का समाचार दुनिया में हमेशा ताजा रहेगा. यह काल हम सबको बांधे हुए है
.लेकिन किसी को अगर ध्यान हो जाए तो वह इस काढाहे से निकलने की स्थिति पैदा कर
लेता है. जीवन के किसी दुःख या ठोकर से इंसान सबक ले ले तो वह ठोकर , ठोकर नहीं
होती. वह तो आपके लिए एक सीख बन जाती है.
मृत्यु एक नया जीवन देकर जाती है. इससे घबराना नहीं,पर एक सन्देश जरूर लेना . यह सोचो की परमत्मा ने इस दुनिया में हमें क्यों भेजा है? इंसान तेरा अहंकार थोथा है. एक छोटी सी ठोकर लगेगी और तू बिखर जाएगा. मनुष्य अपने शरीर के सुख के लिए अनेक साधन जुटाता है. हम पलंग तो सजा सकते है, नींद नहीं बुला सकते . परमात्मा ने जहाँ इंसान को बेबस किया है, वे यही चीजें है. हम लोगों की ज्यादा से ज्यादा पाने की कोशिश होती है लेकिन भगवान् से सुख-शांति कितने लोग मांगते है? कितने लोग भगवान् से यह कहते है की भगवान् , भले ही छोटा मकान दो लेकिन यह व्यवस्था करदो की वहां सुख –शांति से रह सकू. शरीर कितना ही सुन्दर क्यों न हो,एक दिन उसे आग को सौपना ही होगा. मिटटी का चोला है, मिट्टी में ही मिल जाएगा. एच जी वेल्स ने कहा इस दुनिया में जितने लोग अब तक आये, अगर उसका हिसाब लगाया जाए तो इस संसार में हर आदमी के पैर के नीचे दस आदमी की मिट्टी है. उस ग्याहरवे को भी यह सोचना चाहिए, की उसके ऊपर खड़ा होने वाला भी वहां से चल पड़ा है.
मृत्यु एक नया जीवन देकर जाती है. इससे घबराना नहीं,पर एक सन्देश जरूर लेना . यह सोचो की परमत्मा ने इस दुनिया में हमें क्यों भेजा है? इंसान तेरा अहंकार थोथा है. एक छोटी सी ठोकर लगेगी और तू बिखर जाएगा. मनुष्य अपने शरीर के सुख के लिए अनेक साधन जुटाता है. हम पलंग तो सजा सकते है, नींद नहीं बुला सकते . परमात्मा ने जहाँ इंसान को बेबस किया है, वे यही चीजें है. हम लोगों की ज्यादा से ज्यादा पाने की कोशिश होती है लेकिन भगवान् से सुख-शांति कितने लोग मांगते है? कितने लोग भगवान् से यह कहते है की भगवान् , भले ही छोटा मकान दो लेकिन यह व्यवस्था करदो की वहां सुख –शांति से रह सकू. शरीर कितना ही सुन्दर क्यों न हो,एक दिन उसे आग को सौपना ही होगा. मिटटी का चोला है, मिट्टी में ही मिल जाएगा. एच जी वेल्स ने कहा इस दुनिया में जितने लोग अब तक आये, अगर उसका हिसाब लगाया जाए तो इस संसार में हर आदमी के पैर के नीचे दस आदमी की मिट्टी है. उस ग्याहरवे को भी यह सोचना चाहिए, की उसके ऊपर खड़ा होने वाला भी वहां से चल पड़ा है.
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