Param pujye Shri Sudhanshuji Maharaj, born on May2, 1955,commonly referred to as Maharaj Shri or Gurushri by his worldwide followers is a preacher from India. He founded Vishaw Jagriti Mission in 1991 which aims to performing spriritualactivities such as Sewa,Simran, Swadhaye, Satsang, Sadhna. Under his wise and well-recognised leadership, the Mission has over 80 branches, 22 Ashrams(old age homes) and 3 charitable Hospitals. throughout the world.

परम पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज प्रवचांश

26) तप ही बनता है बलवान आत्मा को - श्री सुधांशुजी महाराज

शास्त्रों में बताया गया ही की अपनी आत्मा को बलवान करने के लिए, मनोबल बढ़ाने के लिए, इंसान को तप करना चाहिए. कच्ची ईंटों से बना मकान अस्थिर अर्थात ज्यादा टिकाऊ नहीं होता; लेकिन ईंटों को अगर आग से तपा दिया जाए, तो उनसे मकान सैंकड़ों सालों तक सुस्थिर रहता है. ऐसे ही जो लोग जिंदगी में तप करके अपने आपको पका लेते है, उनकी आत्मा इतनी बलिष्ट बन जाती है, की फिर संसार में कैसे भी आंधी-तूफ़ान आयें; वे तनिक भी घबराते नहीं है. वे संसार की यात्रा में निरंतर सफल होते है. उन्हें अभ्युदय भी प्राप्त होता है, मुक्ति भी मिलती है. उनका लोक भी सुधरता है और परलोक भी सुधरता है. भगवान् ने चाहे सुख और दुःख सबको समान दिए हों; परन्तु सहन करने की शक्ति , महसूस करने का ढंग सबका अलग-अलग होता है. अंदर से बलवान बन जायें,तो दुःख  नहीं लगता .



अब प्रशन उठता है की अन्दर से बलवान कैसे बनें? आत्मा को बलवान बनाने के लिए तप ही परम साधन है. सहनशक्ति को बढ़ाना चाहिए. व्रत उपवास रखने चाहिए जिससे स्वाद को मारने की परम्परा बनायीं गयी है. इन सब व्रतों में सबसे महत्वपुर्ण तथ्य यह है की इंसान तप करे, सहनशक्ति को बढ़ाये जिससे मनुष्य की आत्मा बलवान होती है. अगर अपनी आत्मा को बलवान बनाना है तो मन को नियंत्रण में करना होगा, और मन को नियंत्रण करने के लिए स्वाद को वश में करना होगा. जो आदमी अपनी जीभ पर नियंत्रण कर लेता है, निश्चित वह अपने मन को नियंत्रित कर सकता है. जीभ को नियंत्रित करते-क्र्तेअपने बोलने पर भी नियंत्रण करना होगा. नपातुला बोलना चाहिए. ज्यादा बोलने से बचना चाहिए. जैसे जैसे सहन करने की शक्ति बढती है, वैसे-वैसे आत्मा बलवान होने लगती है, तथा मन में स्थिरता आनी शुरू हो जाती है और व्यक्ति भक्ति में सफल होने लगता है. 
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