मानव चोला बहुत मुल्येवान है, बहुत कठिनाई से गुजरकर यह श्रेष्ट देह प्राप्त होती है. इसलिए इसका सदुपयोग कीजिये, इस शुभ अवसर का पूरा लाभ लीजिए. आप जब भी प्रभु से प्रार्थना करें तो उस प्रभु से यही कहना- हे मेरे प्रभु! मुझे उचित निर्णय करने की विवेक शक्ति प्रदान कीजिये,वह बुद्धि मुझे देना जिसमें होश में रहकर मैं कर्म करता रहूं और मेरा जीवन में जागृति बनी रहे, मैं सदैव सुकर्म करता रहूं. क्यूंकि जीवन में जागृति का बहुत मह्त्व्व है . भगवान् ने स्वयं जागृति का मह्त्व्व बताया है. देवता उसी की इच्छा करते है जो जागृत है. देवों के वरदान उन्ही के लिए है, जो जागृत है, कर्मशील है. इसलिए हमेशा जागृत रहिये, कर्मठता अपनाये, भाग्य के भरोसे मत बैठे,कोई अवतार नहीं आएगा आपका कल्याण करने के लिए, आपको स्वयं ही अपना उद्धार करना होगा.
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