जीवन की प्रथम जागृति है, की भगवान् की दी हुई यह धरोहर यह विरासत यह शरीर जो भगवान् का मंदिर है, इसकी अवेहलना करके संसार में कुछ भी नहीं पाया जा सकता इसलिए कभी भी इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए और लापरवाही में इस शरीर को अगर ख़राब कर लिया तो जो फूल चुनने आये थे इसमें इस जीवन में फूल तो मिलेंगे नहीं कांटो से हो यह पल्ला उलझेगा, दर्द की दुनिया से ही रिश्ता जुड़ेगा. इसलिए शरीर को स्वस्थ- सुन्दर रखे के लिए हमेशा सजग रहना पहली उन्नति है और यह स्वस्थ शरीर से ही शुरू होता है.
आरोग्यता .
शुद्ध आहार.
स्वाद के लिए नहीं, स्वास्थ्य के लिए आहार.
समय से सोना, समय से उठाना.
अच्छी नींद, छे घंटे की पूरी नींद.
दिन में तीन चार बार खुलकर हसना.
नियमित व्यायाम, प्राणायाम , सैर करना.
समय -समय पर अपना स्वास्थ्य चेक कराना.
अपनी शारीरिक प्रकृति और उम्र के अनुसार डाइट चार्ट का प्रोयोग.
प्राणायाम से शरीर को अतिरिक्त आन्तरिकत उर्जा प्राप्त होती है.

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