Param pujye Shri Sudhanshuji Maharaj, born on May2, 1955,commonly referred to as Maharaj Shri or Gurushri by his worldwide followers is a preacher from India. He founded Vishaw Jagriti Mission in 1991 which aims to performing spriritualactivities such as Sewa,Simran, Swadhaye, Satsang, Sadhna. Under his wise and well-recognised leadership, the Mission has over 80 branches, 22 Ashrams(old age homes) and 3 charitable Hospitals. throughout the world.

परम पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज प्रवचांश

28) किसी की निंदा मत करो, मधुर वचन बोलो – श्री सुधांशुजी महाराज








हे मनुष्यों! तुम कभी किसी को कटु वचन मत बोलना, किसी की निंदा न करना, कृतघ्न न बनना. दुखी लोगों की सहयता करते रहना. तुम्हारा प्रत्येक शुभ कर्म परमेश्वर को समर्पित हो. मधुर वचनों से सभी को सुख मिलता है, सभी प्रसन्न और संतुष्ट होते है. जबकि कटुवचन हृदय में कांटे के समान चुभ जाते है. सबके साथ मधुरता का व्यवहार करने से ही सर्वत्र सुख, शांति व उल्लास का वातावरण बनता है. प्रभु ने हमे वाणी का एक दैवी अनुदान प्रदान किया है और वह नहीं चाहता की हम कभी भी कठोर वचन बोलें . तभी तो उसने जबान में हड्डी का प्रयोग नहीं किया है. इस मीठी वाणी से हम संसार को वश में करके मित्र समान बना सकते है. कटु भाषण बहुत अनर्थकारी होता है. मर्मभेदी बाणों से मनुष्य के हृदये को उतना संताप नहीं होता जितना कठोर वचनों से होता है. शस्त्र से कटा हुआ घाव फिर भी भर जाता है, परन्तु कटु वाणी रुपी शस्त्र का घाव नहीं भरता. रूखे और तीखे वचन मनुष्य के मर्म को बांध डालते है, कटु एवं रुखी वाणी कभी भी नहीं बोलनी चाहिए. दूसरों की निंदा करना, उनके दोषों को प्रचारित करके मजे लेना, जो हमें सहयोग दें उनके प्रति कृतघ्नता का प्रदर्शन करना भी कटु वचनों के समान ही मर्मभेदी होती है.




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